Lyrics
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
जागेंगे फिर थामेंगे
कोई वजह जीने की
सोने दो ख्वाब बोने दो
ह्म सोने दोखवाब बोने दो
परच्छाई के पीछे पीछे
भाग रहा है मॅन
चाँद को मुट्ठी में भरने को
करता रोज़ जतन
प्यासे से इश्स पांच्ची को
कोई नदी मिलने दो ना
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
इतने सारे चेहरे हैं
और तन्हा सब के सब
तेरे शहर का काम है चलना
यूँ ही बे-मतलब
चेहरों के इश्स मेले में
अपना कोई मिलने दो ना
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो.
JEET GANNGULI, RASHMI SINGH
Sony/ATV Music Publishing LLC