Lyrics
दर्द की महफ़िल सज़ा के
फिर से तन्हा हो गया
रात दिन बस रो रहा है
नाम लेके तेरा
जिसको खुदा था बनाया
सर जिसके आगे झुकाया
उससे ने ही तोड़ा मेरा दिल
और देके मुझको गया
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
जुदाईया वे
आ आ आ कर लून मैं कैसे यकीन
तू मेरे पास है ही नही
अभी तो कल ही आया था तू
ख्वाबों में
याद आती है जब तेरी
साँस रुक जाती है मेरी
रोज़ मरती हूँ ऐसे मैं
खुद में ही
बस इतनी सी ही दुआ है
मुझे इश्क़ में जो मिला है
दुश्मन को भी ना मिले ऐसी सज़ा
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे
यह जुदाईया वे(यह जुदाईया वे)
यह जुड़ाइयाँ वे(यह जुदाईया वे)
यह जुदाईया वे
रश्मि विराग
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