Lyrics
भीगी हुई है रात मगर
जल रहे है हम
होने लगी बरसात मगर
जल रहे है हम
भीगी हुई है रात मगर
जल रहे है हम
होने लगी बरसात मगर
जल रहे है हम
सीने में कैसा दर्द है
होठों पे कैसी प्यास है
सीने में कैसा दर्द है
होठों पे कैसी प्यास है
कैसे बताये हम तुम्हे
अन्जाना एहसास है
तुम हो हमारे साथ मगर
जल रहे है हम
होने लगी बरसात मगर
जल रहे है हम
भीगी हुई है रात मगर
जल रहे है हम
बैठे तो है जाने अदा
चाहत के साये तले
बैठे तो है जानेअदा
चाहत के साये तले
फिर फिर है क्यों बेचैनियाँ
ये वक्त क्यों ना ढले
है शबनमी मुलाकात मगर
जल रहे है हम
होने लगी बरसात मगर
जल रहे है हम
भीगी हुई है रात मगर
जल रहे है हम
होने लगी बरसात मगर
जल रहे है हम
NADEEM SAIFI, RATHOD SHRAWAN, SAMEER
Royalty Network, Songtrust Ave