Lyrics
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का वैसा ही वो फल पाता
दुसरो के घर में आग लगाने वाला खुद ही उसी में जल जाता
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का
धूल उठाई तो सर पे गिरेगी बन्दे ना इतना भूल
कंकर के बदले पत्थर मिलेगा काटे के बदले शुल
जो जैसा अपना खाता दिखाता
ओ हो जो जैसा अपना खाता दिखाता वो वैसा हिसाब चुकाता
दुसरो के घर में आग लगाने वाला खुद ही उसी में जल जाता
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का
नेकी का रास्ता सीधा बढा तू टेढ़ा न इस पर चला कर
जो चाहता है अपनी भलाई तो दुनिया में सब का भला कर
दुसरो के घर में दीप जलाने वाला
ओ हो, दुसरो के घर में दीप जलाने वाला अपना अँधेरा मिटाता
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का वैसा ही वो फल पाता
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का वैसा ही वो फल पाता
दुसरो के घर में आग लगाने वाला खुद ही उसी में जल जाता
जो जैसा बोए बीज यहाँ करनी का
DAYARAM MORYA, N/A UMESH, N/A VIJAY
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