Lyrics
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेकर, तब प्राण तन से निकले
श्री गंगा जी का तट हो, जमुना का वंशीवट हो
श्री गंगा जी का तट हो, जमुना का वंशीवट हो
मेरा सांवरा निकट हो जब प्राण तन से निकले
पीताम्बरी कसी हो छवि मन में यह बसी हो
पीताम्बरी कसी हो छवि मन में यह बसी हो
होठों पे कुछ हसी हो जब प्राण तन से निकले
जब कंठ प्राण आवे कोई रोग ना सतावे
जब कंठ प्राण आवे कोई रोग ना सतावे
यम दर्शना दिखावे जब प्राण तन से निकले
उस वक़्त जल्दी आना नहीं श्याम भूल जाना
उस वक़्त जल्दी आना नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना जब प्राण तन से निकले
एक भक्त की है अर्जी खुदगर्ज की है गरजी
एक भक्त की है अर्जी खुदगर्ज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
ANUP JALOTA
Royalty Network, Universal Music Publishing Group