Lyrics
तू मिल ना पाए
हम जी ना पाए
कही मर ना जाये कैसी है कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे तेरी ही पनाहे
कही मर ना जावे ज़िन्दगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के
आँखे है नम
धड़कन मधम अब मान जा रूठे सनम
सांसे चुभन टूटा सा मन और ना सता ओह जानेमन
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के
मेरा हर पल अब तो बोझल
वीरान सा, दिल यह हर दम
लाखों है गम, तन्हा है हम
कैसे सहें इतना सितम
तू मिलना पाए
हम जीना पाए
कहीं मारना जाए
कैसी है कैसी है बेबसी
दिल फिर से चाहे
तेरी ही पनाहें
कहीं मार ना जाए ज़िंदगी
गुनाह किया दिल मैंने यार का तोड़ के
गुनाह किया उसे एक दिन तनहा छोड़ के
JEET GANGULY, SAYEED QUADRI
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