Lyrics
कहाँ हुमारे श्याम चले
श्याम चले, हमे रोता छ्चोड़ के
हमे रोता छ्चोड़ के गोकुल मे
अब कहाँ हुमारे श्याम चले
श्याम चले, श्याम चले
ह्यूम रोता छोड़ के
सब पूछ रहे है, नर नारी
क्यू छ्चोड़ चले है गिरधारी
क्यू छ्चोड़ चले है गिरधारी
गाय बेचारी चुप ही रहे
पर बहते हुए आँसू ये कहे
बहते हुए आँसू ये कहे
श्याम चले, श्याम चले
ह्यूम रोता छोड़ के
पत्थर के दिल भी टूट गये, टूट गये
पेड़ो के पत्ते टूट गये, टूट गये
पानी के धरे रोते है
जमुना के किनारे रोते है
और रो रो कर ये कहते है
रो रो कर ये कहते है
श्याम चले, श्याम चले
ह्यूम रोता छोड़ के
मोहन, सब गोकुल वेल कहते है
आँखो से आँसू बहते है
बह बह कर ये कहते है
अब कहा हुमारे श्याम चले
कहा हुमारे श्याम चले
श्याम चले, श्याम चले
ह्यूम रोता छोड़ के
Qamar Jalalabadi, Sudhir Phadke
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