संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आवेगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आएगा
दो चरो के बिच ज़माना
अपनी टांग अडावेगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग
आवेगा
प प प पक क पुम
प प प पक क पुम
रु रु रु रु
मजनू रांझे बैजूबावरे
गाते रोते किधर गए
गाते रोते किधर गए
हो जी हो
मजनू रांझे बैजूबावरे
गाते रोते किधर गए
गाते रोते किधर गए
हे दुनिया की झूठी रितो ने
इनको मेरा गुजर गए
इनको मेरा गुजर गए
भाई कण लागेके सुन सको तो सुन लो
यही सदा है आती
ज़ालिम ऊँची
अहा
है दीवारे दुनिया की
ओहो
के हम न तोड़ सके
अहा
के तुम पर छोड़ चले
ओहो
ज़माने तोड़ दे ये दिवार
नहीं तो तू भी
अरे तू भी सर चकरायेगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आवेगा
दो चरो के बिच ज़माना
अपनी टांग अडावेगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आवेगा
हे अकल के दुश्मन छोड़ ज़िद को
नहीं जाट कोई चाहत की
नहीं जाट कोई चाहत की
अरे यहाँ अमीरी बने फ़कीरी
अजब है दुनिया उल्फत की
अजब है दुनिया उल्फत की
प्यार में हम तुम सब ही एक
नहीं है कोई ऊँचा निचा
जो न समझेगा उसे समझायेगा
अहा
उसे समजावेंगे
ओहो
प्यार के दुश्मन को
अहा
राह पर लायेगा
ओहो
कसम से तब छोडेगे
ज़ालिम को जब दो दिल
अरे दो दिल एक कराएगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आवेगा
दो चरो के बिच ज़माना
अपनी टांग अडावेगा
संत लोग फर्माय गए जी
इस जग में कलयुग आवेगा
प प प पक क पुइ
प प प पक क पुइ
प प प पक क पुइ
प प प पक क पुइ
बोल सिया बल रामचंद्र की जय