ओ प्रीतम प्यारे
छ्चोड़ चली घर-बार
तुझसे दूर तुझसे दूर
भर आए नैना
नैन-नैन का प्यार
जब से दूर जब से दूर
क्यूँ आफ़त सर पे मोल ले
तू मेरे वास्ते
तू अपने महल मे राज कर
में अपने रास्ते
क्यूँ आफ़त सर पे मोल ले
तू मेरे वास्ते
तू अपने महल मे राज कर
में अपने रास्ते
तुझ को सुख हो तो
मुझको पिया परदेस भी
मंज़ूर है मंज़ूर
करती थी तुझको प्यार में
बदनामी ले चली
चोरी-चोरी का खेल था
जुरमाना दे चली
करती थी तुझको प्यार में
बदनामी ले चली
चोरी-चोरी का खेल था
जुरमाना दे चली
इक दिल था मेरा
वो भी ठोकरे खा के
चकनाचूर चकनाचूर
फागुन मे होली खेलना
सावन मे झूलना
जब-जब चमकेगा चाँद तू
मुझको ना भूलना
फागुन मे होली खेलना
सावन मे झूलना
जब-जब चमकेगा चाँद तू
मुझको ना भूलना
मेरे टूटे मन मे
अभी तुम्हारा प्यार
है भरपूर है भरपूर
ओ प्रीतम प्यारे
छ्चोड़ चली घर-बार
तुझसे दूर तुझसे दूर