हम्म हम्म हम्म हम्म
बाबुल जो तुमने सिखाया जो तुमसे पाया
सजन घर ले चली (हम्म हम्म)
सजन घर ले चली
सजन घर मैं चली
यादों के लेकर साये चली घर पराये
तुम्हारी लाडली (हम्म हम्म)
हम्म हम्म
कैसे भूल पाऊँगी मैं बाबा
सुनी जो तुमसे कहानियाँ
छोड़ चली आँगन में मैय्या
बचपन की निशानियाँ
सुन मेरी प्यारी बेहना सजाये रहेना
के बाबुल की गली (हम्म हम्म)
हम्म हम्म
बन गया परदेस घर जनम का
मिली है दुनिया मुझे नयी
नाम जो पिया से मैंने जोड़ा
नए रिश्तों से बंध गयी
मेरे ससुर जी पिता हैं
पति देवता हैं
देवर छवि कृष्ण की (हम्म हम्म)
सजन घर मैं चली
सजन घर मैं चली
हम्म हम्म हम्म हम्म