रातों की खामोशियो में
जब गहती हैं तन्हाइया
नाचने लगती हैं दिल पे मेरे
यादों की परच्छाइयाँ परच्छाइयाँ
रातों की खामोशियो में
लब सीलिए लब सीलिए ज़ख़्म धो लिए
ना खुलने दिया वो राज़ कभी
लब सीलिए ज़ख़्म धो लिए
ना खुलने दिया वो राज़ कभी
कैसे देता भला ये दीवाना तुम्हें
प्यार में रुस्वाइयाँ
रातों की खामोशियो में
टूटे हुए टूटे हुए दिल की मेरे
कैसे सुनौउ मैं दास्तान
टूटे हुए दिल की मेरे
कैसे सुनौउ मैं दास्तान
छ्चोड़ो बेधली जुदाई में तेरी
इश्क़ की चिंगारियाँ
रातों की खामोशियो में
PRAKASH RAHULE AADAM, S. CHATURSEN
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