मनमोहन साब के गानो मैं , स का बहुत
इम्पोर्टेस होता है
जैसे ये है इसी मैं प्यार की आबरू
वो जफ़ा
आह क्या सुरीला ऑडियंस है
वो जफ़ा ऐसी तरह एक छोड़ा है
इसी तरह इस गीत मैं भी
जी हमें मंज़ूर है
आपका ये फैसला
केह रही है हर नज़र
बंदा परवर शुक्रिया
शुक्रिया पे रिदम रुक जाता है
जैसे येह परिपुरनता शुक्रिया है बस
आप की नजरो ने मुझे प्यार के काबिल समझा
इस तरह से
I am get in to साहब
And कैसे उन्होंने कम्पोस किया होगा
क्यू शुक्रिया पर रिदम रुक जाता है
क्यों घी पे , है
घी इजहार है मंजूर है आप की नजरो मैं
आपकी नज़रों ने समझा
प्यार के काबिल मुझे
दिल की ऐ धड़कन ठेहर जा
मिल गयी मंजिल मुझे
आपकी नज़रों ने समझा
जी हमें मंज़ूर है
आपका ये फैसला
जी हमें मंज़ूर है
आपका ये फैसला
केह रही है हर नज़र
बंदा परवर शुक्रिया
हँस के अपनी ज़िन्दगी में
कर लिया शामिल मुझे
आपकी नज़रों ने समझा
पड़ गई दिल पर मेरे
आपकी परछाईयाँ
पड़ गई दिल पर मेरे
आपकी परछाईयाँ
हर तरफ बजने लगीं
सैकड़ों शहनाईयां
दो जहां की आज खुशियाँ
हो गईं हासिल मुझे
आपकी नज़रों ने समझा
प्यार के काबिल मुझे
दिल की ऐ धड़कन ठेहर जा
मिल गयी मंजिल मुझे
आपकी नज़रों ने समझा
संजीवनी आप कमाल गा रही है you are उनिक