Lyrics
इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है
इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँही उम्र गुज़र जाए तेरे साथ गुज़र जाए
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सांवरे
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए बड़ी दूर नज़र आए
अहं हं हं हं हं हं
RAVINDRA JAIN
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