Lyrics
रुक रुक के कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
इश्क़िया इश्क़िया
इश्क़िया
इश्क़िया
तनहा हैं लोगों में
लोगों में तन्हाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
चोटें भी खाएं
और गुनगुनायें
ऐसा ही था ये
ऐसा ही है ये
मस्ती में रहता है
मस्ताना सौदाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
अरे दिल का मिज़ाज इश्क़िया
इश्क़िया
इश्क़िया
शर्मीला शर्मीला
परदे में रहता है
दर्दों के झोंके भी
चुपके से सहता है
निकलता नहीं है गली से कभी
निकल जाये तो दिल भटक जाता है
अरे बच्चा है अखिरर
बहक जाता है
ख़्वाबों में रहता है
बचपन से हरजाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया
इश्क़िया
इश्क़िया
DJ ANGEL, GULZAR, VISHAL BHARADWAAJ
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