Composer: Sukriti Kakar, Prakriti Kakar, Lost Stories
Lyrics
यादों में तू है हाँ बस तू ही
कैसा ये जादू किया (किया)
हूं मैं अधूरी तू ही ज़रूरी
बिन तेरे लागे ना जिया(जिया)
नशा सा तेरी आँखों में बातों में
तू जीने की वजाह (वजाह)
मज़ा ना इन सूनी सूनी रातों में
आजा ना यूं न तड़पा (तड़पा)
तुम हम और हम तुम
हो जाएँ कहीं घूम माहिया (माहिया)
मैं तेरे बिना गुम सुम
ना जाने तुने ऐसा क्या किया (क्या किया)
तुम हम और हम तुम
हो जाएँ कहीं घूम माहिया (माहिया)
मैं तेरे बिना गुम सुम
ना जाने तुने ऐसा क्या किया (क्या किया)
जाऊन ना कभी तुझे छोडके सजना
एक पल के लिए भी दूर (लिए भी दूर)
तेरे साथ मुझे है चलना
जहां जहां ले जाए (तू)
मैं खोई खोई हूँ
ना सोई सोई हूँ
जब से तू है मिला (मिला)
छुपा कहाँ था तू
ज़रा बता दे तू मे तुझपे रहू फिदा
नशा सा तेरी आखों में बातों में
तू जीने की वजह
मज़ा ना इन सुनी सुनी रातों में
आजा ना तडपा
तुम हम और हम तुम
हो जाएँ कहीं गुम माहिया (माहिया)
मैं तेरे बिना गुम-सुम (माहिया)
ना जाने तूने ऐसा क्या किया (न न न न )
तुम हम और हम तुम (तुम हम और हम तुम)
हो जाएँ कहीं गुम माहिया (हो जाएँ कहीं गुम माहिया)
तेरे बिना गुम-सुम (तेरे बिना गुम सुम)
ना जाने तूने ऐसा क्या किया (ना जाने तूने ऐसा क्या किया)
कैसी है ये बेताबियाँ
बढ़ने दो नजदीकियां
तेरे बिना हर लम्हा
कैसे जियूँ मैं तू बता
तुम हम और हम तुम (तुम हम और हम तुम)
हो जाएँ कहीं गुम माहिया (हो जाएँ कहीं गुम माहिया)
तेरे बिना गुम-सुम (तेरे बिना गुम सुम)
ना जाने तूने ऐसा क्या किया (ना जाने तूने ऐसा क्या किया)
तुम हम और हम तुम (तुम हम और हम तुम)
हो जाएँ कहीं गुम माहिया (हो जाएँ कहीं गुम माहिया)
तेरे बिना गुम-सुम (तेरे बिना गुम सुम)
ना जाने तूने ऐसा क्या किया (ना जाने तूने ऐसा क्या किया)
AMAN SARDANA, PRAKRITI KAKAR, PRAYAG MEHTA, SUKRITI KAKAR