Lyrics
शब् की बाहों में सो जाए सुबह
खाबों को तेरे पलकों पे दूं सज़ा
ये री री ओह
हम
शब् की बाहों में सो जाए सुबह
खाबों को तेरे पलकों पे दूं सज़ा
गूंजे साँसों में तेरी ही सदा
मैं लब्ज तेरा तू है मेरी जुबान
शैतानियाँ रात भर
करले आ टूट कर
बदमाशियाँ रात भर
करले आ टूट कर
मिलना तेरा मिलना मेरा
मिलना था किस्मत में लिखा
मंज़िल भी थी मीलों जुड़ा
राहे मिली जो तू मिला
तू रुबारु है आरज़ू
आ भी जा बाहों में तू ज़रा
शैतानियां रात भर
करले आ टूट कर
बदमाशियां रात भर
करले आ टूट कर
साथ तेरे चलता चलूं
अंजान राहों पे यूँही
रिश्ता कोई सदियों का था
अपना लगे है तू कहीं
तू ही सज़ा तू ही दुआ
है मेरे जीने की तू वजह
शतानियाँ रात भर
करले आ टूट कर
बदमाशियाँ रात भर
करले आ टूट कर
Shabbir Ahmed
Raleigh Music Publishing LLC