Lyrics
यू तो ज़िंदगी से
होती थी मुलाक़ातें
पहली बार की है
ज़िंदगी ने मुझसे बातें
अजनबी सा एहसास है
हर पल अब तो ख़ास है
तुम पर गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया
ख्वाहिशों में फिर से
बेताबियाँ जगी हैं
हंसते हंसते हैं आँखों में नमी
हसरतें भी मेरी करने लगी ठगी
पैरों के नीचे से निकली ज़मीन
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो
साथिया
साथिया
साथिया
साथिया
छेड़ दी हवाएँ कानो में कह रही
तुझको ऐसी खुश देखा ना कभी
दिल में यों सपनो की नदिया सी बह रही
जिसमे भीगे है अरमान सभी
अजनबी सा एहसास है
हरपाल अब तो ख़ास है
तुम बन गये जो साथिया
साथिया
साथिया
साथिया
Sandeep Nath
Raleigh Music Publishing LLC