Lyrics
प्यार में बस में नहीं रहता ये दिल
कायदो के ना रहे काबिल
रोज़ ही बाघी हवाओं की तरह
ज़माने से टकराये दिल
प्यार में बस में नहीं रहता ये दिल
कायदो में ना रहे शामिल
डाल के झोला फकीरों की तरह
दीवाने सा हो जाये दिल
इश्क़ में सुकून ऐसा
धुप में मिले जैसा
बरगद के निचे
बरगद के निचे
रूह जानती है रूह
सदियों की वो खुशबू
कुदरत जो सींचे
कुदरत जो सींचे
प्यार में बस में नहीं रहता ये दिल
कायदो के ना रहे काबिल
रोज़ ही बाघी हवाओं की तरह
ज़माने से टकराये दिल.
Siddhant Kaushal
Raleigh Music Publishing LLC