Lyrics
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (हा आ आ आ)
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए (ला ला ला ला)
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (हम्म हम्म)
मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की है जादुगरी
हा आ आ आ आ आ आ
तेरी आवाज़ है हवाओं में
प्यार का रँग है फ़िज़ाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं खिले हुए
क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए
आ आ आ आ आ आ आ आ
Akhtar Javed, JAVED AKHTAR, SHIV HARI
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