Lyrics
तू धुप सुनहरी फिज़ाओं में
रहती हो मेरी दुआओं में
तू धुप सुनहरी फिज़ाओं में
रहती हो मेरी दुआओं में
तेरा नाम जिस लम्हें में लूं
बेहद मिले आराम है
तेरी ही गलियों में
आवारा शाम है
हो ओ ओ
तेरी ही गलियों में
आवारा शाम है
शब्बीर अहमद
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