Lyrics
Fa Fa Farooq Farooq
हो
ऊह ऊह ऊह ऊह ऊह हो
महबूबा महबूबा
ऊह महबूबा महबूबा
महबूबा ऐ महबूबा ऊह ऊह ऊह (ऊह ऊह)
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं मैं और तू (ऊह ऊह)
महबूबा महबूबा
महबूबा महबूबा ऊह ऊह ऊह
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं मैं और तू
फूल बहारों से निकला
चाँद सितारों से निकला
फूल बहारों से निकला
चाँद सितारों से निकला
दिन डूबा
ऊह महबूबा महबूबा
महबूबा महबूबा ऊह ऊह ऊह
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं मैं और तू (ऊह ऊह)
ANAND BAKSHI, R. D. BURMAN
Royalty Network, Universal Music Publishing Group