ज़िंदगी के शोर में
दिल आज कहना चाहे
खामोशी के छोर पे
बात कोई रह ना जाए
खूद से खूद की मुलाक़ातें
आज तन्हा रह ना जायें
यूँ तो दिन है सभी काटे
आज लम्हा रह ना जाए
चल वहाँ
जहाँ पे दिल है
चल वहाँ
जहाँ पे दिल है
आसमान काई
खुलते रहें
दास्तान नयी
मिलती रहे
राहें अंजान हैं
ना ही आसान हैं
फिर भी घुमान है
दिल है जहाँ
धड़कनो की ल़हेर में
दिल आज बहना चाहे
ख्वाहिशों के शहेर में
फिर से रहना चाहे
चल वहाँ
जहाँ पे दिल है
चल वहाँ
जहाँ पे दिल है