आ आ आ आ आ आ
क्यों नये लग रहें है ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से
ये क्या हुआ चुपके से
क्यों नये लग रहें है ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से
ये क्या हुआ चुपके से
तितलियों से सुना आ
तितलियों से सुना
मैंने किस्सा बाग का
बाग में थी एक कली
शर्मीली अनछुई एक दिन
मनचला हो भँवरा आ गया
खिल उठी वो कली पाया रूप नया
पूछती थी कली के मुझे क्या हुआ
फूल हसा चुपके से
प्यार हुआ चुपके से