Lyrics
रहे ना रहे हम(रहे ना रहे हम)
महका करेंगे (महका करेंगे)
बन के कली(बन के कली)
बन के सबा (बन के सबा)
बाग़े वफ़ा में (बाग़े वफ़ा में)
रहे न रहे हम(रहे न रहे हम)
है ख़्हूबसूरत ये नज़ारे
ये बहारें हमारे दम-क़दम से
ज़िंदा हुई है फिर जहाँ में
आज इश्क़-ओ-वफ़ा की रस्म हम से
यूँही इस चमन (यूँही इस चमन)
यूँही इस चमन की (यूँही इस चमन की)
ज़ीनत रहेंगे (ज़ीनत रहेंगे)
बन के कली बन के सबा बाग़-ए-वफ़ा में (बन के कली बन के सबा बाग़-ए-वफ़ा में)
रहे ना रहे हम(रहे ना रहे हम)
महका करेंगे (महका करेंगे)
बन के कली(बन के कली)
बन के सबा (बन के सबा)
बाग़े वफ़ा में (बाग़े वफ़ा में)
रहे न रहे हम(रहे न रहे हम)
MAJROOH SULTANPURI, ROSHAN
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