दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
मेरा बचपन जहाँ पे बीता हैं
मेरा बचपन जहाँ पे बीता हैं
मेरे ख्वाबों में वो गयी क्यूँ हैं
मेरे ख्वाबों में वो गयी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
हर कदम साथ मेरे चल कर भी
हर कदम साथ मेरे चल कर भी
ज़िंदगी मुझसे अजनबी क्यूँ हैं
ज़िंदगी मुझसे अजनबी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
दर्द ओ घमो हर कदम पे मिलते हैं
दर्द ओ घमो हर कदम पे मिलते हैं
पर मसरत कभी कभी क्यूँ हैं
पर मसरत कभी कभी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं
मैं मुकामल्ल समझता हूँ खुद को
मैं मुकामल्ल समझता हूँ खुद को
सोच में मेरी ये कमी क्यूँ हैं
सोच में मेरी ये कमी क्यूँ हैं
घूम के साए में हर खुशी क्यूँ हैं
दर्द में डूबी ज़िंदगी क्यूँ हैं