Lyrics
आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
तुम चले तो फूल जैसे आँचल के रंग से सज गई राहें
सज गई राहें
पास आओ मैं पहना दूँ
चाहत का हार ये खुली खुली बाहें
खुली खुली बाहें
जिसका हो आँचल खुद ही चमन
कहिए वो क्यों हार बांहों के डाले
अरे आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
बोलती हैं आज आँखें कुछ भी ना आज तुम
कहने दो हमको कहने दो हमको
बेखुदी बढ़ती चली है अब तो खामोश ही
रहने दो हमको रहने दो हमको
एक बार एक बार मेरे लिए
कह दो खनके लाल होंठों के प्याले
आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
साथ मेरे चलके देखो आई है धूम से अब की बहारें
अब की बहारें
हर गली हर मोड़ पे वो दोनों के नाम से
हमको पुकारें तुमको पुकारें
कह दो बहारों से आई है
उन तक उठकर हम नहीं जाने वाले
अरे आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
आसमां के नीचे हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां बसा के चले
कदम के निशां बना के चले
MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
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