Lyrics
हमारी इस नज़ाकत को क़यामत से ना कम समझो
हमें यह चाहने वालों ना मिट्टी का सनम समझो
थोड़ा रेशम लगता है, हो थोड़ा शीशा लगता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
हीरे मोटी जड़ते हैं, थोड़ा सोना लगता है
ऐसा गोरा बदन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
हीरे मोटी जड़ते हैं, थोड़ा सोना लगता है
ऐसा गोरा बदन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
ओ, दिल को प्यार का रोग लगाके ज़ख़्म बनाने पड़ते है
खून-ए-जिगर से अरमानों के फूल खिलाने पड़ते है
दिल को प्यार का रोग लगाके ज़ख़्म बनाने पड़ते है
खून-ए-जिगर से अरमानों के फूल खिलाने पड़ते है
दर्द हज़ारों उठते हैं, कितने कांटें चुभते हैं
कलियों का चमन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
हीरे मोटी जड़ते हैं, तोड़ा सोना लगता है
ऐसा गोरा बदन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
ओ हो, ओ ओ
हँसके दो बातें क्या कर ली, तुम तो बन बैठे सैय्याँ
पहले इन का मोल तो पूच्छो, फिर पाकड़ो हमरी बैयाँ
हँसके दो बातें क्या कर ली, तुम तो बन बैठे सैय्याँ
पहले इन का मोल तो पूच्छो, फिर पाकड़ो हमरी बैयाँ
दिल दौलत दुनिया तीनों प्यार में कोई हारे तो
वो मेरा साजन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
हीरे मोटी जड़ते हैं, थोड़ा सोना लगता है
ऐसा गोरा बदन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
हीरे मोटी जड़ते हैं, थोड़ा सोना लगता है
ऐसा गोरा बदन तब बनता है
थोड़ा रेशम लगता है, थोड़ा शीशा लगता है
ओ हो, ओ ओ, आ आ आ, ओ ओ
ANAND BAKSHI, BAPPI LAHIRI
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