Lyrics
मरना भी मोहब्बत
में किसी काम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
हाँ कहते है जिसे इश्क़
क़यामत की बला है
शोला है कभी और
कभी बाद ए सबा है
हाँ अश्को का समन्दर
है तो आहो का खज़ाना
सुनते चले आये
अज़ल से ये फ़साना
इस किस्से का लेकिन
कभी अजाम ना आया
इस किस्से का लेकिन
कभी अजाम ना आया
मरना भी मोहब्बत
में किसी काम ना आया
किसी काम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
हाँ मारने की मोहब्बत में
अदा और ही कुछ हे
इस ज़हर के पिने का
मज़ा और ही कुछ है
हाँ मरते है तो मरने की
शिकायत नहीं करते
दिलवालो दिखाने की
मोहब्बत नहीं करते
अब तक तो मोहब्बत में
ये इलज़ाम ना आया
अब तक तो मोहब्बत में
ये इलज़ाम ना आया
मरना भी मोहब्बत
में किसी काम ना आया
किसी काम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
हाँ होता न अगर इश्क तो
दुनिया भी ना होती
जीने की किसी दिल में
तमन्ना भी ना होती
हाँ बिजली में चमक तारो
में ये नूर न होता
लहरों को मचलना
कभी मंजूर न होता
क्या लुत्फ़ जो होठों पे
ये ही जाम ना आया
क्या लुत्फ़ जो होठों पे
ये ही जाम ना आया
मरना भी मोहब्बत
में किसी काम ना आया
किसी काम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
दी जान मगर दे के भी
आराम ना आया
मरना भी मोहब्बत
में किसी काम ना आया
CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN
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