Lyrics
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
मिलन होगा अभी इक रात की दूरिया है
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
लम्बी-लम्बी ते काली-काली रातों में
काहे चूड़ियाँ खनकती हैं हाथों में
लम्बी-लम्बी
हो लम्बी-लम्बी ते काली-काली रातों में
काहे चूड़ियाँ खनकती हैं हाथों में
न आना तू निगोड़ी चूड़ियों की बातों में
लम्बी-लम्बी ते काली-काली रातों में
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
मिलन होगा अभी इक रात की दूरिया है
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं
थोड़ा ठहरो सजन मजबूरियाँ हैं
ANAND BAKSHI, SHIV HARI
Royalty Network