Lyrics
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रेहता है हा हा हा तू रेहता है
ओ ओ ओ कुछ कहते है ये बदली
क्या केहती है
ओ कुछ कहते है ये बदली
अरे क्या कहती है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रहती है होय होय होय तू रहती है
हा हा हा रिमझिम गाता है पानी
क्यूँ गाता है
प्रीत में साजन गीत ये जीवन
बन जाता है बन जाता है
फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
सजनी तेरा प्रेम संदेसा ये लाई है
भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
हो भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
नींद न आये हमको हाय
जग सोता है हम्म जग सोता है
खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ जब मिलती हैं
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
प्रेम के पथ पर रूप को ठोकर
जब लगती है हाय जब लगती है
धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
लोग न सुन लें प्यार की बातें
मन डरता है
अरे जाते हैं परदेसी
क्यूँ जाते हैं
दूर अकेले देस के मेले
याद आते हैं होय होय होय याद आते हैं
हा हा हा झर झर बहता है झरना
क्यूँ बहता है
आई जवानी रुत मस्तानी
ये केहता है हाय ये केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL
Universal Music Publishing Group