गिरजे का गजर
सुनते हो येषु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येषु
गिरजे का गजर
सुनते हो येषु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येषु
अपने चाहने वालों को
तुम कैसे चुनते हो
येशु आआ येशु
गिरजे का गजर
सुनते हो येषु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येषु
क्या जिस्म ये बेमानी है
क्या रूह गरीब होती है
क्या जिस्म ये बेमानी है
क्या रूह गरीब होती है
तुम प्यार ही प्यार हो लेकिन
क्या प्यार सलीब होती है
रुई की तरह इस जिस्म को तुम
इसलिए बुनते हो
येशु येषु
गिरजे का गजर
सुनते हो येषु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येषु
कोई नहीं इस वक़्त यहाँ
इस वक़्त मुझे अपनाना
कोई नहीं इस वक़्त यहाँ
इस वक़्त मुझे अपनाना
आगोश में अपनी ले लो
फिर चाहे जहाँ ले जाना
उस पर तो कोई दर्द नहीं
बोलो न सुनते हो
येशु येशु
गिरजे का गजर
सुनते हो येशु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येशु
अपने चाहने वालो को
तुम कैसे चुनते हो येशु
गिरजे का गजर
सुनते हो येशु
फिर भी तुम चुप
रहते हो येशु