Lyrics
और अँधेरा आज मिला दे रातों में
सुबह बुझा दे आज मेरी इन आँखों में
मैं जलता लम्हा कोई
तू है शबनम जो बुझा दे बुझा दे
भीग लूँ, भीग लूँ,
आज मैं तेरी बारिश में
भीग लूँ, भीग लूँ
आज मैं तेरी बारिश में भीग लूँ
हाँ खुद को अब बहने दे मुझपे
मुझको भी जलने दे तुझपे
रुकने न दे ये सिलसिला
वो हाँ पानी की चादर लगे तू
प्यासा इक बादल लगे तू
मुझको लगे तू बर्फ सा
मैं जलता लम्हा कोई
तू है शबनम जो बुझा दे बुझा दे
भीग लूँ, भीग लूँ
आज मैं तेरी बारिश में
भीग लूँ, भीग लूँ
आज मैं तेरी बारिश में भीग लूँ
हा हा हा हा हा ह हा हा
हा हा हा हा हा ह हा हा
आ दिन से रातें तू बदल ले
नींदों को मेरी मसल दे
सुबह तलक मुझको जगा
हम्म आ तन पे तू मेरे फिसल ले
हर करवट मेरी पहन ले
खुद को दे तू मुझमे डूबा
मैं जलता लम्हा कोई
तू है शबनम जो बुझा दे
भीग लूँ, भीग लूँ
आज मैं तेरी बारिश में
भीग लूँ, भीग लूँ
आज मैं तेरी बारिश में भीग लूँ
आ आ आ आ आ आ आ
आ आआआ आ आआआ
आ हांआ आ आ हांआ आ
आ हांआ आ आ हांआ आ
आ आआआ आ आआआ
ABHENDRA KUMAR UPADHYAY, ANKIT TIWARI
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