Lyrics
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नये ऐसे दिल में खिले जीन को कभी मैं ना जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले कैसे मिले दिल ना जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें कैसे उन्हे मैं पुकारूं
केहना ही क्या ये नैन एक अन्जान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
पहली ही नज़र में कुछ हम कुछ तुम हो जाते हैं यूँ गुम
नैनों से बरसे रिमझिम रिमझिम हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी थोड़ी हमको आए तो नज़रें झुक जाएं
सितम थोडा थोडा हमपे शोख हवा भी कर जाए
ऐसी चले आँचल उड़े दिल में एक तूफ़ान उठे
हम तो लूट गये खड़े ही खड़े
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
हां इन होठों ने माँगा सरगम सरगम तू और तेरा ही प्यार है
आँखें ढूँढे है जिसको हरदम हरदम तू और तेरा ही प्यार है
महफ़िल में भी तनहा है दिल ऐसे दिल ऐसे
तुझको खो ना दे डरता है ये ऐसे ये ऐसे
आज मिली ऐसी खुशी झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पाई ज़िन्दगी
केहना ही क्या
A. R. RAHMAN, MEHBOOB
Royalty Network, Universal Music Publishing Group